गेहूं बाजार में दो दिन से स्थिरता बनी हुई है। पहले आई हल्की तेजी अब थमी हुई दिख रही है, वजह है ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत सरकारी बिक्री की संभावनाओं पर मंडरा रही अटकलें। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, जिससे विक्रेताओं ने अपनी स्थिति मजबूत रखी और खरीदारों को सौदेबाज़ी में सफलता नहीं मिली।
मंडी रेट्स की बात करें तो:
राजस्थान और गुजरात में भाव ₹2,570-2,580/क्विंटल पर स्थिर हैं। यूपी में ₹10 की मामूली तेजी के साथ ₹2,570/क्विंटल दर्ज किया गया। दिल्ली ₹2,760, दक्षिण भारत ₹3,030 और बिहार में ₹2,700-2,720 पर रेट्स स्थिर हैं। एमपी में ₹2,580-2,600 के दायरे में कारोबार हो रहा है।
एमएनसी की खरीद सुस्त पड़ चुकी है क्योंकि वे अपने लक्ष्य लगभग पूरे कर चुके हैं। इससे हाल की तेजी पर ब्रेक लगा है, मगर दक्षिण भारत से आ रही मजबूत मांग अब भी बाजार को सपोर्ट दे रही है, खासकर पूर्वी भारत को।
राजस्थान से दक्षिणी राज्यों के लिए रेल रेक की खरीद ने भी बाजार को मजबूती दी है, जिससे कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना कम हो गई है। हालांकि, प्रोसेस्ड गेहूं उत्पादों की कमज़ोर मांग एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
सरकारी खरीद का रिकॉर्ड स्तर:
22 मई तक 2025-26 रबी सत्र के लिए गेहूं की खरीद 297 लाख टन तक पहुंच चुकी है — जो 2021-22 के बाद का उच्चतम आंकड़ा है। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली को स्थिर आपूर्ति मिलती रहेगी और सरकार को बाजार स्थिर रखने में मदद मिलेगी।
राज्यवार खरीद (लाख टन में):
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पंजाब: 119
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मध्य प्रदेश: 77.7
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हरियाणा: 71.4
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राजस्थान: 18.3
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उत्तर प्रदेश: 10
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के अनुसार, खरीद लक्ष्य को 312 से बढ़ाकर 320-325 लाख टन किया जा सकता है। लेकिन मौजूदा रफ्तार से खरीद करीब 300 लाख टन पर ठहर सकती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार निकट भविष्य में ओपन मार्केट में आक्रामक बिक्री से बचेगी।
नतीजा: मंडियों में आवक घट रही है और बाजार फिलहाल स्थिर से थोड़े मजबूत रुख की ओर बढ़ सकता है।