आज के अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं। पाम तेल में करीब 1.25% की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं CBOT पर कल सोया तेल में लगभग 4% की तेज गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट का असर घरेलू बाजारों पर भी दिखाई दे रहा है। उधर, चीन के बाजार भी हल्की कमजोरी के साथ स्थिर कारोबार कर रहे हैं, जिससे बाजार में तेजी को सीमित समर्थन मिल रहा है।
मलेशिया का KLC (जुलाई कॉन्ट्रैक्ट) इस समय 4000-4100 के प्रमुख प्रतिरोध स्तर के पास रुकावट दिखा रहा है। बाजार में मौलिक कारक फिलहाल कमजोर बने हुए हैं, जिससे KLC ऊपरी स्तरों से नीचे आ रहा है। यह वही दबाव है जिसकी आशंका कल की रिपोर्ट में पहले ही व्यक्त की गई थी।
घरेलू बाजार की बात करें तो कांडला में पाम तेल ₹1250 प्रति किलो पर स्थिर रहा, जबकि अन्य प्रमुख केंद्रों पर इसमें लगभग ₹1.5 प्रति किलो की बढ़त देखने को मिली है। इसके साथ ही कांडला पोर्ट पर आयातित पाम तेल अभी भी सोया तेल की तुलना में 120-130 डॉलर प्रति टन सस्ता कारोबार कर रहा है। इस अंतर के चलते पाम तेल की मांग को कुछ समर्थन मिल सकता है, जिससे बाजार में बड़ी गिरावट की संभावना फिलहाल कम है। हालांकि, वर्तमान में मांग कमजोर बनी हुई है, जिससे केवल हल्का सुधार ही देखा जा सकता है।
CBOT पर पिछले कुछ दिनों में जो तेजी आई थी, उसके बाद अब मुनाफावसूली का दबाव साफ देखा जा रहा है। सोया तेल फिलहाल 50 के करीब बना हुआ है, लेकिन इसे इस स्तर को सप्ताह के अंत तक बनाए रखना होगा, तभी आगे के लिए कोई ठोस दिशा तय हो सकेगी।
कांडला में सोया तेल ₹1200 के पास निचले स्तर पर आ गया है, जिससे यह माना जा रहा है कि आगामी 10-15 दिनों तक सोया तेल सीमित दायरे में बना रहेगा। हालांकि, लंबी अवधि का नजरिया अब भी मजबूत बना हुआ है। इसलिए, इस अवधि में अगर किसी दिन गिरावट आती है तो उसे खरीदारी के अवसर के रूप में देखा जा सकता है।
सारांश के रूप में, पाम तेल और सोया तेल दोनों में फिलहाल स्थिरता का माहौल है और मांग में कमजोरी के चलते कीमतों में सीमित सुधार की ही गुंजाइश नजर आ रही है। व्यापार से जुड़े सभी लोगों को मौजूदा रुझानों और विदेशी संकेतों को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक निर्णय लेने की सलाह दी जाती है।