भारतीय दलहन और अनाज संघ (IPGA) के सचिव ने बताया कि इस साल तुअर दाल की बुवाई सामान्य से कम रही है, और उत्पादन 35 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि खपत 45 लाख टन होगी। केंद्र ने मांग पूरी करने के लिए तुअर दाल के शुल्क मुक्त आयात को 2026 तक बढ़ा दिया है।
खाद्य महंगाई में दालों का बड़ा योगदान है। जुलाई में दालों की महंगाई 14% थी, जो दिसंबर में घटकर 4% रह गई। सरकार के इस फैसले से दालों की कीमतों में और गिरावट की संभावना है। पिछले दो महीने में कीमतें 15-20% तक घटी हैं।
केंद्र ने किसानों के लिए 100% दालों की खरीद एमएसपी पर करने का निर्णय लिया है। सहकारी समितियों को दाल खरीद की जिम्मेदारी दी गई है, और किसानों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए गए हैं।
खरीफ और रबी सीजन में दालों की खेती का रकबा बढ़ा है। खरीफ में यह 117.43 लाख हेक्टेयर और रबी में 142 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया। केंद्र का निर्णय महंगाई नियंत्रण और किसानों को लाभ पहुंचाने में मददगार साबित होगा।