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2024-25 में भारत बना दालों का सबसे बड़ा आयातक, 6.71 मिलियन टन आयात का अनुमान

वर्ष 2024-25 में भारत ने दालों के आयात में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। IGrain India के विश्लेषक राहुल चौहान के अनुसार, भारत इस वर्ष 6.71 मिलियन टन दालों का ............

Business 23 Apr  The Western Producer
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नई दिल्ली/सास्काटून — वर्ष 2024-25 में भारत ने दालों के आयात में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। IGrain India के विश्लेषक राहुल चौहान के अनुसार, भारत इस वर्ष 6.71 मिलियन टन दालों का आयात कर सकता है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 52% अधिक और पिछले पांच वर्षों (2018-19 से 2022-23) के औसत वार्षिक आयात से लगभग तीन गुना ज्यादा है।

इस तेजी के पीछे घरेलू मांग में वृद्धि, प्रमुख दाल उत्पादक राज्यों में अस्थिर उत्पादन और सरकार द्वारा मूल्य स्थिरीकरण हेतु आपूर्ति बढ़ाने की नीति को मुख्य कारण बताया गया है। ग्लोबल पल्स कॉन्फेडरेशन (GPC) को दिए एक लेख में चौहान ने बताया कि पीली मटर (Yellow Peas) के आयात का अनुमान 2.04 मिलियन टन, चना (Chickpeas) का 1.31 मिलियन टन, और मसूर (Lentils) का 1.29 मिलियन टन है। पीली मटर की मांग बढ़ने का कारण आयात प्रतिबंधों में ढील और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी मूल्य हैं।

सरकार द्वारा रबी सीजन 2024-25 में 11.54 मिलियन टन चना और 1.82 मिलियन टन मसूर उत्पादन का अनुमान जताया गया है, जो पिछले वर्ष से थोड़ा अधिक है। इसके बावजूद, 5 मार्च 2025 तक सरकारी भंडार 1.36 मिलियन टन पर सिमट गया है, जो निर्धारित लक्ष्य से काफी कम है।

सरकार ने इस सीजन में 1.11 मिलियन टन चना, 9.4 लाख टन मसूर, 1.32 मिलियन टन तुअर, साथ ही कुछ मात्रा में उड़द और मूंग की खरीद स्वीकृत की है।

भारत मौसम विभाग ने जून से सितंबर के बीच 105% सामान्य से अधिक मानसून वर्षा की भविष्यवाणी की है, जो आगामी खरीफ और रबी फसलों के लिए महत्वपूर्ण होगी।

उधर चीन द्वारा कनाडा की पीली मटर पर 100% आयात शुल्क लगाने के बाद भारत की वैश्विक मांग में और भी अहम भूमिका बनती दिखाई दे रही है। यह वैश्विक मूल्य निर्धारण में भारत को एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकता है।

हालांकि भारत ने हाल ही में मसूर पर 11% आयात शुल्क लगाया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह व्यापार को पूरी तरह रोकने वाला नहीं है, और व्यापार सामान्य रूप से जारी रहेगा। भारत ने पीली मटर के लिए ड्यूटी-फ्री अवधि को 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई 2025 तक कर दिया है।

दाल व्यापार से जुड़े सभी कारोबारी इस समय भारत के रबी फसल और सरकार की नीति पर नज़रें टिकाए बैठे हैं, क्योंकि यहीं से आयात और वैश्विक कीमतों की दिशा तय होगी।

मुख्य बिंदु संक्षेप में:

  • भारत में 6.71 मिलियन टन दाल आयात का अनुमान

  • पीली मटर, चना और मसूर मुख्य आयातित दालें

  • सरकारी स्टॉक लक्ष्य से काफी कम

  • चीन-कनाडा टैरिफ वॉर से भारत को निर्यात अवसर

  • भारत ने मसूर पर 11% आयात शुल्क लागू किया

  • मानसून बेहतर रहने की संभावना से राहत की उम्मीद

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