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हल्दी बाजार में उछाल: इरोड से नंदीवड़ तक बढ़े दाम, निर्यात मांग ने दी तेजी को रफ्तार

हल्दी बाजार में जून के दूसरे सप्ताह में एक बार फिर मजबूती लौटती दिख रही है। देश की प्रमुख मंडियों से मिल रही रिपोर्टों के अनुसार, हल्दी की कीमतों में बीते कुछ दिनों के मुकाबले अच्छी तेजी देखी गई है, जिसकी मुख्य वजह घरेलू खरीदारों की सक्रियता के साथ-साथ निर्यातकों की मजबूत मांग मानी जा रही है। व्यापारियों का ....

Business 4:41 PM
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हल्दी बाजार में जून के दूसरे सप्ताह में एक बार फिर मजबूती लौटती दिख रही है। देश की प्रमुख मंडियों से मिल रही रिपोर्टों के अनुसार, हल्दी की कीमतों में बीते कुछ दिनों के मुकाबले अच्छी तेजी देखी गई है, जिसकी मुख्य वजह घरेलू खरीदारों की सक्रियता के साथ-साथ निर्यातकों की मजबूत मांग मानी जा रही है। व्यापारियों का मानना है कि स्टॉकिस्टों की रुक-रुककर हो रही खरीद, बारिश की अनिश्चितता, और त्योहारों से पहले की तैयारी—इन सभी कारणों से बाजार को बल मिला है।

तमिलनाडु की इरोड मंडी में हल्दी की ऊंची गुणवत्ता वाली किस्में ₹16,500 से लेकर ₹17,000 प्रति क्विंटल तक बिकीं, जबकि औसत किस्में ₹14,000 से ₹15,000 प्रति क्विंटल तक के दायरे में रहीं। महाराष्ट्र की नंदीवड़ मंडी में भाव ₹10,500 से ₹12,000 प्रति क्विंटल तक देखे गए, जहां अच्छी गुणवत्ता वाले बैग्स को वरीयता मिली। वहीं, हिंगोली मंडी में कारोबार ₹12,500 से ₹13,800 के बीच दर्ज किया गया, और सांगली में हल्दी ₹11,000 से ₹13,000 तक बिकी। निजामाबाद मंडी में भाव ₹9,800 से ₹11,500 प्रति क्विंटल तक सीमित रहे, जहां औसत गुणवत्ता और नमी की मात्रा के कारण कुछ दबाव रहा।

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार, हल्दी की कीमतों में हालिया तेजी का एक बड़ा कारण दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में देरी से हो रही वर्षा भी है, जिससे नई आवक प्रभावित हो रही है। इसके अतिरिक्त, निर्यात के लिए हल्दी की पैकिंग और ऑर्डर की प्रक्रिया में भी गति आई है। मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के देशों से लगातार आ रहे ऑर्डर, विशेषकर सलम हल्दी के लिए, बाजार को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।

मार्केट में सक्रिय स्टॉकिस्ट इस समय खरीदारी को लेकर सतर्क मगर उत्साहित दिख रहे हैं। उनका मानना है कि आगामी महीनों में त्योहारी सीजन के चलते हल्दी की खपत में इजाफा होगा, जो कीमतों को और ऊंचाई दे सकता है। हालांकि कुछ व्यापारी यह भी मानते हैं कि यदि बारिश सामान्य रही और नई फसल की बुआई समय से हुई, तो बाजार में फिर से स्थिरता लौट सकती है।

इस समय खरीदार गुणवत्ता और सूखाई पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। जिन बैग्स में नमी कम है, वो अच्छी दरों पर बिक रहे हैं। जिन मंडियों में आवक तुलनात्मक रूप से कम है, वहां भावों को अतिरिक्त सहारा मिल रहा है। इसी कारण छोटे और मध्यम व्यापारियों के बीच हल्दी की होल्डिंग रणनीति पर भी विचार हो रहा है।

कुल मिलाकर, हल्दी का बाजार इस समय सावधानीपूर्वक सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा है। यदि निर्यात मांग बनी रही और मानसून बाधित रहा, तो अगले कुछ हफ्तों में हल्दी की कीमतें और तेज हो सकती हैं। व्यापारियों को सलाह दी जा रही है कि वे माल की गुणवत्ता पर फोकस रखें और मंडी के ताजा रुझानों पर निगाह बनाए रखें।

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