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मंडी अपडेट: दालों में स्थिरता, चावल की कीमतों में हलचल, व्यापारियों की नजरें खरीफ सीजन पर

देश की प्रमुख कृषि उपज मंडियों से मिले ताजातरीन आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह चावल की कीमतों में हल्की बढ़त देखने को मिली है, जबकि दालों का बाजार अपेक्षाकृत स्थिर रहा। दक्षिण भारत, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की मंडियों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, बासमती और गैर-बासमती दोनों श्रेणियों में व्यापार में हलचल.....

Business 21 May
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देश की प्रमुख कृषि उपज मंडियों से मिले ताजातरीन आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह चावल की कीमतों में हल्की बढ़त देखने को मिली है, जबकि दालों का बाजार अपेक्षाकृत स्थिर रहा। दक्षिण भारत, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की मंडियों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, बासमती और गैर-बासमती दोनों श्रेणियों में व्यापार में हलचल रही। व्यापारी अब खरीफ सीजन की दिशा में नजरें जमाए बैठे हैं।

चावल की बात करें तो मंडियों में बासमती और लोकल किस्मों की कीमतें ₹3300 से ₹3400/कुंटल के बीच दर्ज की गईं। विशेष रूप से छत्तीसगढ़ और पूर्वी भारत में निजी व्यापारियों और छोटे निर्यातकों की सक्रियता बढ़ी है। थोक व्यापारी अब अपने पुराने स्टॉक्स निकाल रहे हैं, जिससे नई खरीद की उम्मीद बन रही है। वहीं, Sona Masoori, BPT 5204, और Parmal 11 जैसी किस्मों में व्यापार सामान्य बना हुआ है। व्यापारियों का कहना है कि अगले 10–15 दिनों में यदि बारिश की गतिविधि बढ़ती है तो चावल की कीमतों में फिर हलचल देखने को मिल सकती है।

दूसरी ओर, दालों में फिलहाल स्थिरता का माहौल रहा। चना ₹5800/कुंटल पर स्थिर बना रहा, जबकि काबुली चना ₹8000 से ₹11000 तक बिका। मसूर की कीमत ₹5400–₹5425, तुअर ₹7600–₹7700, मूंग ₹7025–₹7050 और उड़द ₹8000/कुंटल पर दर्ज की गई। दालों में ट्रेडिंग गतिविधि सीमित रही, क्योंकि व्यापारी उत्पादन अनुमान और आगामी मानसून की स्थिति को लेकर सतर्क हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि खरीफ सीजन में दालों की बुवाई देर से शुरू हो सकती है, जिससे उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इससे चने और मूंग की कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। वहीं, चावल में निर्यात की संभावनाएं बनी हुई हैं और सरकारी खरीद की दिशा पर भी बाजार की नजर है। अगर सरकारी एजेंसियां सक्रिय होती हैं तो चावल की कीमतों को अतिरिक्त सपोर्ट मिल सकता है।

📦 स्टॉक पोजीशन और कारोबारी रणनीति:
वर्तमान में व्यापारी पुराने स्टॉक को निकालने के मूड में हैं और कई मंडियों में डीलर निजी अनुबंधों के जरिए व्यापार कर रहे हैं। खरीफ सीजन की शुरुआती गतिविधियों के साथ डीलरों और बिचौलियों को अनुबंधों पर तेजी से काम करने की जरूरत है।

📊 बाजार आउटलुक:

  • चावल में आने वाले हफ्तों में निर्यात और मौसम दोनों कारक कीमत तय करेंगे।

  • दालों में स्थिरता बनी रहने की उम्मीद है, लेकिन मानसून की चाल से बदलाव संभव।

  • व्यापारियों को अपने खरीद और अनुबंध रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।

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