देशभर के प्रमुख मंडियों में, विशेष रूप से मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में, सरसों की आवक जोरों पर है। साथ ही, स्टॉकिस्ट भी मौजूदा भाव पर सरसों की सक्रियता से खरीदी कर रहे हैं, जिसके चलते बाजार में ₹500 प्रति क्विंटल तक की मजबूती के संकेत दिखने लगे हैं। ऐसे में मौजूदा स्तर पर माल खरीदना व्यापारियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
राजस्थान के निवाई टोंक, जयपुर, अलवर, भरतपुर, सुमेरपुर, कोटा, बारा, भवंनिगंज, दौसा, डीडवाना आदि इलाकों में प्रतिदिन करीब 7 लाख बोरी नई सरसों मंडियों में आ रही है। इन मंडियों में सरसों का व्यापार ढीली हालत में ₹5450 से ₹5650 प्रति क्विंटल तक किया जा रहा है, जो तेल प्रतिशत और नमी की मात्रा के अनुसार तय हो रहा है।
पुरानी सरसों की आवक अब लगभग समाप्ति पर है, और नई फसल की आवक ने बाजार को सपोर्ट दिया है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और यूपी की मंडियों में कुल मिलाकर करीब 7 लाख बोरी सरसों प्रतिदिन आ रही है। इसके अलावा कुछ मंडियों में अतिरिक्त 1 से 1.25 लाख बोरी नई फसल की सरसों की आवक भी हो रही है।
तेल का बाजार भी इस आवक से प्रभावित हो रहा है। जयपुर रीच (Niwai-Tonk लाइन) में सरसों तेल का थोक मूल्य वर्तमान में ₹128/129 प्रति किलो (जीएसटी अतिरिक्त) चल रहा है और मई माह में इसके बढ़कर ₹134 प्रति किलो तक पहुंचने की संभावना है।
हरियाणा और पंजाब में भी नई सरसों की आवक अब पीक स्तर पर है। गुजरात में भी माल की अच्छी आमद बनी हुई है। अब धीरे-धीरे नए माल का दबाव घटने लगेगा और उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी आवक में कमी आएगी।
फसलों के वर्तमान स्थिति और बुवाई के आकलन के अनुसार, इस वर्ष देश में सरसों का उत्पादन 110-111 लाख मीट्रिक टन तक होने का अनुमान है। जयपुर रीच में जो पुरानी 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों अभी ₹6350 प्रति क्विंटल बिक रही है, नई फसल की सरसों के दाम आने वाले समय में ₹7000 प्रति क्विंटल तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
कुल मिलाकर, सरसों बाजार में मांग और आपूर्ति की स्थिति मजबूत बनी हुई है और व्यापारी समुदाय के लिए यह समय मौजूदा भाव पर रणनीतिक खरीदारी करने का उपयुक्त अवसर प्रतीत हो रहा है।