पिछले सप्ताह सरसों के बाजार में स्थिरता बनी रही। जयपुर मंडी में सरसों के भाव ₹6275 से ₹6350 प्रति क्विंटल के बीच रहे, जबकि देशभर में दैनिक आवक 5 लाख बोरी से नीचे दर्ज की गई। 1 मई की कुल आवक पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में करीब 12% कम रही। सरसों तेल और खल की मांग सामान्य बनी रहने के कारण तेल मिलों में खरीदारी सुस्त रही, जिससे बाजार में किसी बड़ी तेजी या गिरावट की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है। फिर भी, बाजार का समग्र रुख सकारात्मक बना हुआ है।
तेल बाजार की स्थिति
दिल्ली में सरसों तेल (एक्सपेलर) का भाव ₹1290 प्रति 10 किलो पर स्थिर है। चूंकि सोया तेल की तुलना में सरसों तेल की कीमतें अधिक हैं, इसलिए घरेलू मांग सीमित बनी हुई है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट का दबाव महसूस किया गया है, लेकिन सरसों तेल में बड़े मूल्य सुधार की संभावना अभी कमजोर दिख रही है। व्यापारियों को मौजूदा हालात में 10 से 12 दिनों का स्टॉक बनाए रखने की सलाह दी जा रही है, जबकि लंबी अवधि के निवेश के लिए भविष्य में कीमतों में कुछ नरमी आने पर ही कदम उठाने की सलाह दी गई है।
सरसों खल में उम्मीद की किरण
मार्च में चीन से आई अच्छी मांग के चलते सरसों खल की कीमतों में ₹150 से ₹200 प्रति क्विंटल तक की तेजी देखने को मिली थी। हालांकि अप्रैल में निर्यात कमजोर रहने से बाजार में थोड़ी नरमी रही, लेकिन महीने के अंत तक खल में रिकवरी देखने को मिली। वर्तमान में खल बाजार सीमित तेजी के साथ स्थिर है और जून तक इसमें फिर से सुधार की उम्मीद की जा रही है।
मुख्य मंडियों में भाव
सरसों की आवक वर्तमान में लगभग 4 लाख बोरी के आसपास बनी हुई है। दिल्ली की लॉरेंस रोड मंडी में सरसों के भाव ₹6050–₹6100 प्रति क्विंटल के बीच स्थिर रहे, जबकि नजफगढ़ में लूज सरसों ₹5700–₹5800 प्रति क्विंटल पर बिकी। जयपुर मंडी में भाव ₹6300 प्रति क्विंटल पर बोले गए। सप्लाई और मांग के मौजूदा संतुलन को देखते हुए कीमतों में गिरावट की संभावना कम मानी जा रही है। हालांकि बाजार फिलहाल स्थिर बना रह सकता है।
निष्कर्ष
सरसों और इसके उत्पादों का बाजार वर्तमान में संतुलन की स्थिति में है। मांग और आपूर्ति का समीकरण अपेक्षाकृत स्थिर है, जिससे कीमतों में अधिक उतार-चढ़ाव की संभावना नहीं दिखती। फिर भी, व्यापारियों को वैश्विक खाद्य तेल बाजार और निर्यात मांग पर नजर बनाए रखने की जरूरत है।