देश की प्रमुख चावल उत्पादक मंडियों में इस सप्ताह जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है। लगातार बढ़ती हुई विदेशी मांग, सीमित स्टॉक और धीमी मिलिंग रफ्तार ने बाजार को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है। व्यापारियों और ब्रोकरों के लिए यह समय बेहद सतर्कता और समझदारी से कदम उठाने का है, क्योंकि कीमतों में निरंतर तेजी देखी जा रही है।
वर्तमान स्थिति में 1121 सफेद स्टीम चावल के भाव 7,900 रुपये से लेकर 8,200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके हैं। इसी तरह 1121 गोल्डन स्टीम चावल की कीमतें 7,100 से 7,400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रही हैं। 1509 सफेद स्टीम चावल 6,700 से 6,900 रुपये प्रति क्विंटल और 1509 गोल्डन स्टीम 6,300 से 6,600 रुपये के दायरे में कारोबार कर रहा है। बीते सप्ताह की तुलना में भावों में 100 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़त दर्ज की गई है, जो आने वाले हफ्तों में और ऊपर जा सकती है।
गर्मी के कारण राइस मिलिंग धीमी पड़ी है और बिजली कटौती के चलते उत्पादन में व्यवधान उत्पन्न हुआ है। इसके साथ ही खेतों से चावल की आमद घट रही है, जिससे मंडियों में स्टॉक की उपलब्धता पर असर पड़ा है। वहीं, देश के प्रमुख बंदरगाहों से निर्यातकों के ऑर्डर लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव और बढ़ गया है।
व्यापारी सूत्रों का कहना है कि सरकारी एजेंसियों और एफसीआई के पास स्टॉक सीमित है, और नई खरीद में सुस्ती है। मिलों में कच्चे माल की कमी और बढ़ती एक्सपोर्ट डिमांड ने व्यापारियों को सतर्क कर दिया है। कई व्यापारिक केंद्रों में पुराने स्टॉक की क्लियरिंग जोरों पर है, जिससे कुछ स्थानों पर चावल के भावों में और अधिक तेजी आई है।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यदि आने वाले दिनों में मॉनसून सामान्य नहीं रहा, या बुवाई में देरी हुई, तो चावल की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। वर्तमान में एक्सपोर्ट मांग प्रमुख भूमिका निभा रही है, खासकर गल्फ और अफ्रीकी देशों से 1121 वेरायटी की मांग तेज बनी हुई है।
चावल व्यापार से जुड़े छोटे और मंझोले व्यापारी इस समय छोटे लॉट में लेन-देन कर रहे हैं और जोखिम कम करने के लिए ट्रेडिंग की अवधि को सीमित रख रहे हैं। नई डील करते समय भुगतान शर्तों, ट्रांसपोर्ट की उपलब्धता और स्टॉक की रीलोडिंग क्षमता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इस समय उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसी प्रमुख उत्पादक मंडियों में भाव तुलनात्मक रूप से ऊंचे हैं। व्यापारी लगातार मंडी भाव और सप्लाई लाइन पर नजर बनाए हुए हैं। कई व्यापारियों ने बताया कि बड़े निर्यात ऑर्डर के चलते मिलर्स एडवांस में बुकिंग कर रहे हैं और खुले बाजार में रेट तेजी से ऊपर जा रहे हैं।