देश के दलहन बाजारों में हाल के दिनों में एक खास हलचल देखी जा रही है। चना, काबुली चना और मटर—तीनों प्रमुख दालों में कीमतों ने मजबूती के संकेत दिए हैं। उत्पादन में कमी, आयात-निर्यात की बदलती स्थिति और आगामी उपभोक्ता मांग को देखते हुए व्यापारियों और विश्लेषकों का मानना है कि बाजार एक बार फिर ऊपर की दिशा में रुख कर सकता है।
देशी चने की बात करें तो सरकार द्वारा हाल ही में 10% कस्टम ड्यूटी लगाए जाने और ऑस्ट्रेलिया से ब्लैक चने की आपूर्ति में गिरावट के कारण इसकी कीमतों में बढ़त देखने को मिली है। बाजार सूत्रों के अनुसार, देशी चने का उत्पादन इस साल लगभग 82 लाख मीट्रिक टन रहने का अनुमान है, जबकि खपत 123 लाख मीट्रिक टन के आसपास है। ऐसे में मांग-आपूर्ति में बड़ा अंतर है, जो कीमतों को सहारा दे सकता है। दिल्ली की लॉरेंस रोड मंडी में पुराने माल की कमी के कारण राजस्थान का देशी चना ₹5800–₹5820 प्रति क्विंटल पर पहुंच चुका है। यह संकेत है कि बाजार में खरीददार फिर से सक्रिय हो चुके हैं।
दूसरी ओर, काबुली चना जो पिछले महीने ₹4–₹5 प्रति किलो तक नीचे आया था, अब फिर से रफ्तार पकड़ता दिख रहा है। उत्पादन क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से आवक में गिरावट आई है और थोक खरीदारों द्वारा नई खरीद शुरू की गई है। मेक्सिको से आयातित काबुली चना ₹92 प्रति किलो तक पहुंच गया है, जबकि महाराष्ट्र से आया माल ₹68–₹70 और कर्नाटक का माल ₹72–₹74 प्रति किलो में बिक रहा है। आगामी शादी-विवाह के सीजन और घरेलू-विदेशी मांग के कारण काबुली चने की कीमतों में फिर से ₹4–₹5 प्रति किलो की बढ़त संभव मानी जा रही है।
मटर के बाजार की बात करें तो सरकार द्वारा मटर पर शून्य आयात शुल्क की अवधि 31 मई 2025 तक बढ़ाए जाने के बाद बीते एक महीने में कीमतें ₹300–₹400 प्रति क्विंटल तक गिर चुकी हैं। वर्तमान में मटर बंदरगाह पर ₹3500 और खुले बाजार में ₹3900 प्रति क्विंटल के स्तर पर कारोबार कर रहा है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि देश में मटर का घरेलू उत्पादन सिर्फ 15–20% तक ही सिमट कर रह गया है। ऐसे में अब कीमतों में और गिरावट की गुंजाइश बेहद कम है। व्यापारी वर्ग का अनुमान है कि आने वाले एक महीने में मटर के भाव में ₹300 प्रति क्विंटल तक की वापसी संभव है।
निष्कर्ष:
चना, काबुली चना और मटर तीनों ही प्रमुख दालें इन दिनों बाजार में संतुलन खोज रही हैं। एक तरफ मांग लगातार बनी हुई है, वहीं उत्पादन और आपूर्ति से जुड़ी चुनौतियाँ बाजार को मजबूती की ओर ले जा रही हैं। जो व्यापारी अभी तक इंतज़ार की मुद्रा में थे, उनके लिए यह समय खरीदारी के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। अगले कुछ हफ्तों में इन तीनों दालों की कीमतें ऊंचाई की ओर रुख कर सकती हैं — ऐसे में सतर्क और समय पर फैसले लेना व्यापारियों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।