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चना-मटर बाजार में मंदी का माहौल, स्टॉकिस्टों की सुस्ती और कमजोर मांग ने डाला दबाव

देश के प्रमुख अनाज बाजारों में इस सप्ताह चना और मटर दोनों में कमजोर रुख देखने को मिला। स्टॉकिस्टों की धीमी खरीदी और मिलर्स की सुस्त मांग के कारण चना के दामों में ₹50 से ₹125 प्रति क्विंटल तक गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली मंडी में चना सप्ताह के दौरान लगभग ..........

Business 28 Apr
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देश के प्रमुख अनाज बाजारों में इस सप्ताह चना और मटर दोनों में कमजोर रुख देखने को मिला। स्टॉकिस्टों की धीमी खरीदी और मिलर्स की सुस्त मांग के कारण चना के दामों में ₹50 से ₹125 प्रति क्विंटल तक गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली मंडी में चना सप्ताह के दौरान लगभग ₹50 प्रति क्विंटल सस्ता हो गया। अन्य मंडियों में भी भाव कमजोर रहे।

मिलर्स के अनुसार, चना दाल में ग्राहकी बेहद कमजोर है, जिससे चना को ऊंचे दाम पर समर्थन नहीं मिल पा रहा है। पहले जो तेजी देखी गई थी, वह मुख्यतः स्टॉकिस्टों की बंपर खरीदी के कारण थी, लेकिन अब खरीदी की रफ्तार काफी सुस्त हो गई है।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार बाजार भाव पर चना खरीदने पर विचार कर रही है, जिससे किसानों को राहत मिल सकती है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया से आयातित चना पर 10% शुल्क लगने के बावजूद बंदरगाहों पर लगभग 5 लाख टन चना उपलब्ध है, जिससे घरेलू बाजार पर दबाव बना हुआ है।

चना के फंडामेंटल में भी बदलाव दिख रहा है। दालों में कमजोर मांग, ऑस्ट्रेलिया चना की बड़ी उपलब्धता और मटर के विकल्प के रूप में बढ़ते उपयोग ने चना बाजार की तेजी को रोक दिया है। वर्तमान में गुजरात, एमपी और राजस्थान में चने का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। विश्लेषकों के अनुसार, जब तक स्टॉकिस्टों की सक्रिय खरीदी और दाल मिलों से मांग नहीं निकलती, चना में मजबूती की संभावना सीमित रहेगी।
व्यापार सलाह: दिल्ली चना ₹5750 के नीचे कमजोर बना रह सकता है, जबकि ₹5900 के ऊपर मजबूती दिख सकती है। अतः दिये गए स्तरों के आधार पर खरीदारी का निर्णय लेना समझदारी होगी।

मटर बाजार भी दबाव में

मटर के दाम में भी इस सप्ताह कमजोरी देखी गई।
मटर और मटर दाल की मांग में गिरावट, चना से मिल रहे कमजोर संकेत और पोर्ट पर भारी स्टॉक ने मटर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला।

मटर की खपत में कमी के दो मुख्य कारण हैं:

  1. चना दाल/बेसन में मिक्सिंग के लिए मटर का कम उपयोग।

  2. तुअर दाल के सस्ते होने से मटर की मांग में गिरावट।

भारत सरकार ने 31 मई 2025 तक मटर के आयात को मुक्त रखा है, लेकिन फिलहाल आयात सुस्त बना हुआ है। कनाडा से मटर आयात पर चीन द्वारा 100% शुल्क लगाए जाने के बाद भारत कनाडा के लिए प्रमुख बाजार बन गया है, फिर भी घरेलू बाजार में मांग सीमित बनी हुई है।

फंडामेंटल विश्लेषण के अनुसार, मटर में फिलहाल अनिश्चितता बनी हुई है और टेक्निकल चार्ट पर भी ट्रेंड कमजोर हो चुका है।
व्यापार सलाह: मटर में फिलहाल ₹3500 का मजबूत सपोर्ट है, लेकिन कारोबार सिमित और जरूरत के अनुसार करने की सलाह दी जाती है।

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