उत्तर भारत के मक्का बाजार में इस समय दोहरी चुनौती बनी हुई है। एक तरफ पंजाब और उत्तर प्रदेश में नई फसल की तेज़ आवक हो रही है, दूसरी ओर कैटलफीड और स्टार्च उद्योगों की मांग कमजोर बनी हुई है। इससे मक्का के दामों पर दबाव बढ़ा है और बाजार में स्थिरता की स्थिति बनी हुई है।
पंजाब में मंडी भाव लगभग ₹2100 प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं, जबकि लोकल क्वालिटी मक्का ₹2200-2225 और यूपी/बिहार क्वालिटी ₹2260-2280 तक कारोबार कर रही है। बिहार की प्रीमियम क्वालिटी मक्का हरियाणा और पंजाब के उद्योगों को ₹2330-2350 की डिलीवरी पर पसंद आ रही है।
उत्तर प्रदेश में उत्पादन अच्छा बताया जा रहा है, लेकिन आवक बढ़ने से मंडियों में भाव ₹1970 से ₹2000 तक गिर गए हैं। संभल मंडी में 40,000 बोरी की आवक दर्ज की गई, जहां नया मक्का ₹1700-2100 के दायरे में बिका। हालांकि मांग ठीक बनी रहने से इस इलाके में और ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं दिख रही।
हरियाणा और पंजाब की प्रमुख मंडियों में भी भावों में विविधता देखने को मिली। करनाल मंडी में गीला मक्का ₹1300-1400 और सूखा मक्का ₹1950-2060 तक बिका। लाडवा में टॉप रेट ₹2125, टोहाना ₹2025, घरौंडा ₹2010, अंबाला ₹2075-2100 और तरणतारण में ₹1000-2125 तक की बोली लगी।
मध्य प्रदेश के खरगोन में 5000 क्विंटल की आवक पर मक्का ₹2120 तक पहुंचा, लेकिन यहां भी कैटलफीड की मांग कमजोर बताई जा रही है। ABIS Exports के लेटेस्ट डिलीवरी रेट्स के अनुसार:
वहीं यूपी फसल आधारित डिलीवरी में:
गुलाबबाग मंडी में सामान्य मक्का ₹1925-2050, रेक पॉइंट ₹2000-2050 और स्टॉक पॉइंट ₹2190-2230 पर रहा। पूर्णिया में भी यही रेंज देखी गई।
महाराष्ट्र की मंडियों में प्रीमियम मक्का ऊँचे भावों पर कारोबार करता दिखा। अहिरे में ₹2625, पॉयंड ₹2650, मुंडवा ₹2620, मालेगांव ₹2505, नरायणगांव ₹2610, सरसा ₹2570, आजरा ₹2625, परनेर में कन्हैया एग्रो ₹2600 और भैरवनाथ फूड्स ₹2595 तक भाव दर्ज हुए।
गुजरात में यूपी मक्का ₹2320-2340 और मध्य प्रदेश में बिहार मक्का ₹2250-2300 पर डिलीवर हो रहा है। कर्नाटक में पोल्ट्री डिमांड के चलते ₹2400, आंध्र-तेलंगाना ₹2350 और तमिलनाडु में ₹2490-2500 तक के रेट स्थिर रहे।
फिलहाल नई फसल की भारी आवक, कमजोर औद्योगिक मांग और अमेरिका से संभावित एथेनॉल / DDGS आयात की चर्चाओं के चलते मक्का बाजार में तेजी की संभावना कम दिखाई दे रही है। हालांकि भाव पहले ही निचले स्तर पर हैं, इसलिए भारी मंदी की संभावना भी सीमित है और बाजार फिलहाल स्थिरता की ओर बढ़ सकता है।