बारीक चावल की कीमतों में इस समय जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। पिछले एक महीने में 1718 प्रजाति के सेला चावल के भाव 900 रुपए बढ़कर 6200/6300 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुँच चुके हैं। इसी प्रकार स्टीम चावल 6000 रुपए और 1401 चावल स्टीम 6900/7000 रुपए के स्तर तक पहुंच गए हैं। मुख्य कारणों में पश्चिमी देशों से निर्यात सौदों में वृद्धि, घरेलू स्टॉकिस्टों की खरीदारी और उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में धान के स्टॉक में कमी प्रमुख हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार यूपी व उत्तरांचल में साठी धान की बिजाई केवल 40% तक सीमित रही है, जिससे गर्मी में आने वाला बारीक चावल बेहद कम मात्रा में आने की संभावना है। इसके चलते निर्यातकों और मिलर्स ने पहले से ही खरीद शुरू कर दी है।
हरियाणा, पंजाब, यूपी व मध्य प्रदेश की राइस मिलें भी अब धीरे-धीरे अपने भाव बढ़ा रही हैं। करनाल, कुरुक्षेत्र व तरावड़ी में धान के भाव 2800/2850 से बढ़कर 3100/3200 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। उत्तर प्रदेश के रुद्रपुर, बरेली व काशीपुर जैसी मंडियों में भी 3060/3100 रुपए के स्तर पर मिल पहुंच पर धान की खरीद हो रही है।
दूसरी ओर, ईरान में चावल की भारी कमी बनी हुई है और भारतीय चावल की तुलना में अन्य देशों का चावल 240 से 300 रुपए महंगा पड़ रहा है। पाकिस्तान की निर्यात स्थिति भी कमजोर है, जिससे वैश्विक खरीदार भारत की ओर रुख कर रहे हैं। इसके चलते निर्यात मांग और भी बढ़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 15 जून तक चावल में और 1000 रुपए प्रति क्विंटल तक की तेजी देखी जा सकती है।