गेहूं बाजार में इस समय मिश्रित रुख देखा जा रहा है। भारत में फ्लोर मिलों की कमजोर मांग के चलते लॉरेन्स रोड पर गेहूं के भाव 3 रुपए नरम होकर 2675/2682 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गए हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस में नई फसल की आमद शुरू होने के चलते निर्यात कीमतों में भी गिरावट आई है।
रूसी गेहूं (12.5% प्रोटीन) की FOB कीमत मार्च-अप्रैल डिलीवरी के लिए 2 डॉलर गिरकर 247 डॉलर प्रति टन रह गई है। नई फसल की कीमत 234/235 डॉलर प्रति टन के आसपास बताई जा रही है। हालांकि रूस में पिछले सप्ताह मई दिवस और विजय दिवस की छुट्टियों के चलते घरेलू गतिविधियाँ सीमित रही हैं, परंतु तुर्की और ईरान जैसे देशों से बढ़ती मांग के कारण अप्रैल में रूस का गेहूं निर्यात 19 लाख टन से बढ़कर 23 लाख टन तक पहुँच गया है।
भारत में भी गेहूं की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। हालांकि कुछ स्थानों पर मांग के कारण हल्की तेजी देखने को मिली है। जैसे 1121 सेला चावल 100 रुपए बढ़कर 7500/7600 और स्टीम 8400/8500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है, पर गेहूं में ऐसा समर्थन नहीं दिख रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में घरेलू मंडियों में यदि सरकारी खरीद सीमित रही और फ्लोर मिलों की मांग नहीं बढ़ी तो गेहूं की कीमतों में और नरमी आ सकती है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में रूस के निर्यात बढ़ने से वैश्विक कीमतें भी दबाव में रह सकती हैं।